गुरुवार, अप्रैल 01, 2010

मैं स्वस्थ्य हुआ

मैं बीमार था समाज मैं
क्यों की सहानुभूति का बढा
रक्तचाप था।
दोगलेपन से दूर रहने के
कारण कमजोरी थी
सच्चाई की तपन शरीर को
अधिक गर्म किये थी
कई वादों का प्रभाव
शुद्ध वात को प्रभावित करता था ।

पर आज मैं स्वस्थ्य हूँ
क्यों की मैं कसाई हूँ
सहानभूति का
सरकारी भावना की ताकत है
वकीलों और आधुनिक पत्रकारों की
शीतलता समेटे हूँ
और सभी वादों को छोड़
उदरवाद का प्रहरी हूँ ।


शैलेन्द्र ऋषि

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें